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आओ आलिंगन कर लूं।

आओ आलिंगन कर लूं।

तुझे बाहों में मैं भर लूं।।
मत दूर खड़ी ललचाओ।
मेरे करीब आ जाओ।।
अब धैर्य नहीं है मुझको।
जब से देखा है तुझको।।
मन मीत बना रहना तुम।
संगीत बना रहना तुम।।
मैं हरदम गाता जाउँ।
तुझ को ना कभी भूलाउं।।
जब तक है मन नहीं मिलता।
यह प्रेम पुष्प नहीं खिलता।।
इस दिल को नहीं रुलाना।
मेरे प्रेम को नहीं भुलाना।।
अपना कहने का ये हक,
मैंने हीं तुझे दिया है।
बदले में ऐसा ही वादा,
तुझसे भी मैनें लिया है।।
अब सुख के दिन हैं आए।
हम तुम ना रहे पराए।।
तुझे जितना भी पाऊँ पर,
यह दिल कभी नहीं भरता।
यह प्रेम है ऐसी चाहत,
इसे खोने को दिल नहीं करता।।
जय प्रकाश कुवंर
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