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अपने भी अपने नही

अपने भी अपने नही

दिल को दिलों से मिलाओं
मनको अपने तुम समझाओं।
लगे बात अगर कठोर तो भी
मनको अपने शांत रखे।
और जिंदगी के पहलू को
लोगों के लिए लूटाये।
कर सकेगा अगर तू ऐसा
तो तकदीर तेरी बदलेगा।।

यादों के सहारे मत जीओं
आज में जीना तुम सीखो।
भूल जाओं खुशियों को
जिन्हें पहले जी सके हो।
पर पहले के हादसो को
जीवन भर याद रखो।
कर सकेगा अगर तू ऐसा
तो तकदीर तेरी बदलेगा।।

तन मन पर लगे घावों को
ऊपर से भले सुखा लो।
पर अंदर से घावों को
तुम सुखने मत देना।
जंग जीवन की जितना है
तो मानवता को जिंदा रखना।
कर सकेगा अगर तू ऐसा
तो तकदीर तेरी बदलेगा।।

साँच को आँच नही मिलता
लूट का माल हजम नही होता।
बहुत देखे हमनें जिंदगी में दृश्य
पर खुदको लूटते आज ही देखा।
जिंदगी की सच्ची कहानी है ये
जो अपनी आँखों से देख रहे।
देख सका अगर तू धैर्य से ये
तो तकदीर तेरी बदल लेगा।।
जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई
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