नकारात्मक देखोगे तो, सब उल्टा ही दिखेगा,
सकारात्मक सोचोगे, सब अच्छा अच्छा दिखेगा।चरित्र पतन होता जग में, सब कोई देख रहे हैं,
मर्यादा का पालन करता, राम अकेला दिखेगा।
वचन पिता का कौन निभाये, सभी स्वार्थ में घिरे हुए,
वचनों की मर्यादा सिखलाता, राम अकेला दिखेगा।
सदा समर्पित निज नारी को, सुख दुःख साथ निभाया,
करता हुआ सम्मान नारी का, राम अकेला दिखेगा।
ऊँच नीच और जाति धर्म, ज़हर समाज में भरा हुआ,
सबको गले लगाता जग में, राम अकेला दिखेगा।
संस्कार विलुप्त हो रहे धरा से, नहीं बड़ों का मान बचा,
संस्कारों की सीख सिखाता, राम अकेला दिखेगा।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com