अंग्रेज़ी नववर्ष पर उत्सव क्यों?
साल ही तो बदला है, आफत तो नही आयी,सर्दी तो वही है 'कीर्ति', गर्मी तो नही आयी।
न ही बदले हैं दिन महीने, न परिंदों की उडान,
बदलाव नही कुदरत में, आजादी तो नही पायी।
दीजिए शुभकामनायें, और दुआ भी कीजिये,
जश्न का माहौल कैसा, नयी फसलें तो नही आयी।
चाहा था मनायेँ हम भी, नये साल का जश्न यारों
बसन्त भी नही आया, अभी खुशियाँ भी नही आयी।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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