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तुम धड़कन हो दिल की

तुम धड़कन हो दिल की

तुम धड़कन हो दिल की, तुम ही प्रेम तराना हो।
तुम हो स्वप्न सुंदरी, जीवन का हंसी फसाना हो।
गीतो का गजरा प्यारा, मौसम कोई सुहाना हो।
राजमहल की रानी हो, मनमीत कोई पूराना हो।
तुम ही प्रेम तराना हो

सपनों में बसने वाली हो, आशाओं की ज्योति हो।
अधरों की मुस्कान मोहिनी, तुम नैनो का मोती हो।
चंद्रमा की धवल चांदनी, प्रीत भरा अफसाना हो।
कविता की रसधार मधुर सी, गीत कोई पुराना हो।
तुम ही प्रेम तराना हो

हमसफर हो हमारी, मुश्किल राहों का सहारा हो।
प्यार का बहता झरना हो, भावों का किनारा हो।
दिल से दिल का रिश्ता हो, दिलकश याराना हो।
खुशियों का जलता दीप, लबों का मुस्कुराना हो।
तुम ही प्रेम तराना हो

रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानरचना स्वरचित व मौलिक है।
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