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नेकी के रास्ते पर चलना सिखो।

नेकी के रास्ते पर चलना सिखो। 

जब तक सत्ता में हो, सम्हलना सिखो।। 
एक दिन यह कुर्सी छिन जाएगी। 
उस दिन नेकी ही काम आएगी।। 
तुमसे पहले बहुतों ने स्वाद पाया है। 
गलत फैसलों ने उन्हें खुब रूलाया है।। 
कुर्सी गयी, शान गयी। 
अक्कड़ और अभिमान गयी।। 
फैसलों के तुला में ही, राजा तौलाता है। 
परोपकारी राजा ही, महान कललाता है।। 
किसी के बहकावे पर, अगर भटक जाओगे। 
किसी को दुख देकर, तुम क्या पाओगे।। 
बेसहारों की हाय जिस दिन लग जाएगी। 
कुर्सी में रह कर भी तुम्हें, चैन नहीं आएगी।। 
परोपकार से राजकोष घट नहीं जाएगा। 
उतने से बेसहारों का, चेहरा खिल जाएगा।। 
यह राजकोष उन्हीं बेसहारों की कमाई है। 
उन्होंने ने हीं, इतनी बड़ी, साम्राज्य बनाई है।। 
अब वो बेचारे हैं, किस्मत के मारे हैं। 
तुम भले राजा हो,  पर वो प्रजा तो तुम्हारे हैं।। 
                   जय प्रकाश कुवंर
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