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चिन्मय कृष्णदास की रिहाई और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार करे हस्तक्षेप ! - हिंदू जनजागृति समिति

लखनऊ में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन !

चिन्मय कृष्णदास की रिहाई और बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार करे हस्तक्षेप ! - हिंदू जनजागृति समिति

लखनऊ - बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कानूनी रूप से आंदोलन करने वाले इस्कॉन के स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी को देशद्रोह के आरोप में अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने का एक और प्रयास है, जिसकी हम तीव्र शब्दों में निंदा करते हैं। हिंदू जनजागृति समिति ने मांग की है कि भारत सरकार तुरंत हस्तक्षेप कर स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी की बिना शर्त रिहाई सुनिश्चित करे और बांग्लादेश सरकार को हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बाध्य करे। इस संबंध में एक ज्ञापन लखनऊ के जिलाधिकारी श्री सूर्यप्रकाश गंगवार, एवं सहायक जिलाधिकारी श्री ज्ञानचंद गुप्ता, इन्हे सौंपा गया। इस समय डॉक्टर शुभम शुक्ला, श्री भूपेन्द्र प्रजापति, श्रीमती डीम्पी बाजपाई, श्री डी. के. गुप्ता, श्री राजीव गुप्ता, श्री अनिकेत अग्निहोत्री, श्री सूर्यप्रकाश जी, श्री विकास अमल सिन्हा, हिन्दू जनसेवा समिति के अध्यक्ष श्री प्रज्ज्वल गुप्ता, संयोजक श्री आदित्य शर्मा, श्री अपूर्व गुप्ता आदि उपस्थित थे ।

बांग्लादेश में हिंदू समाज पिछले कई दशकों से धार्मिक अत्याचार, मंदिरों पर हमले, महिलाओं पर अत्याचार और संपत्तियों की लूट का सामना कर रहा है। स्वामी चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी ने ऐसे अन्याय का विरोध करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग की। उनकी गिरफ्तारी ने बांग्लादेश के हिंदुओं के धार्मिक स्वतंत्रता को गंभीर खतरे में डाल दिया है।

जैसे भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के माध्यम से बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान करने का एक सराहनीय कदम उठाया है, वैसे ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार भारत के लिए केवल एक पड़ोसी देश का मुद्दा नहीं, बल्कि हिंदुओं के अस्तित्व, मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का संवेदनशील विषय है। यदि इन अत्याचारों को नहीं रोका गया, तो इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। इसलिए हिंदू जनजागृति समिति ने भारत सरकार से कड़े कदम उठाने और निर्णायक भूमिका निभाने की अपेक्षा व्यक्त की है।
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