आत्म ज्ञान, अनंत आनंद का प्रवेश द्वार
मनुज जीवन परम ध्येय,हर पल हर्ष उमंग ओतप्रोत ।
गौण दुःख कष्ट भय मूल,
प्रयास प्रज्वलन उर ज्योत ।
दिव्य भव्य उल्लास यात्रा,
चतुर्थ स्तरीय गमन आधार।
आत्म ज्ञान,अनंत आनंद का प्रवेश द्वार ।।
विशिष्ट प्रेरणा कार्यशैली सह,
सत्ता पहचान प्रथम बिंदु ।
सहज सरस साधक संपर्क,
आधिक्य मात्रा आध्यात्मिक सिंधु ।
आस्था विश्वास मृदुल स्पंदन,
भाव विचार शुभ मंगल श्रृंगार।
आत्म ज्ञान,अनंत आनंद का प्रवेश द्वार ।।
द्वितीय चरण अद्भुत अनुपम,
एकात्मता भाव सृष्टि उत्संग ।
समझ दृष्टिकोण विकसित,
रज रज संबंध शीर्ष शक्ति संग ।
अंतरंग अनुभव सिद्धियां प्राप्ति,
तृतीय सोपान पटल दिव्य बहार।
आत्म ज्ञान,अनंत आनंद का प्रवेश द्वार ।।
मन एकाग्रता अंतिम सोपान,
लक्ष्य पदार्थ अनुभव समाहित ।
निर्झर आनंद सरित प्रवाह,
दृष्टि परिध परमात्मा अंकित ।
मार्गदर्शन समर्पण विश्वास माध्य,
असीम आनंदिता स्वप्न साकार।
आत्म ज्ञान,अनंत आनंद का प्रवेश द्वार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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