Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मेरा तो बल तू है माँ!

मेरा तो बल तू है माँ!

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
जो बलवान् उसी की पूजा दुनिया में होती है,
मेरा तो बल तू ही है,माँ! औरों की परवाह नहीं।
दुनिया सर पर ले, जगमग हो जग में नाम उजागर;
सब केवल भटकन राहों की,मंजिल की जब थाह नहीं।
मेरी सब इच्छाएँ अर्पित हों,माँ! तेरे चरणों में ,
फलित सदा तेरी इच्छा हो,मेरी कोई चाह नहीं।
माँ!मेरा तन घर हो तेरा चलता-फिरता मन्दिर,
जो तुमको पा ले,उससे बढ़कर कोई नरनाह नहीं।
कुत्ते की दुम दुनिया,सीधी कभी नहीं हो सकती,
झूठों की बस्ती में होता सच्चों का निर्वाह नहीं।
आत्मा ही बिक जाए तो दुनिया लेकर क्या होगा,
कौड़ी से खुश दुनिया को पारस खोने कीआह नहीं।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ