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साहित्य सम्मेलन के पाँचवे सभापति थे पं चंद्र्शेखरधर मिश्र, भारत के प्रथम हृदयरोग विशेषज्ञ थे डा श्रीनिवास

साहित्य सम्मेलन के पाँचवे सभापति थे पं चंद्र्शेखरधर मिश्र, भारत के प्रथम हृदयरोग विशेषज्ञ थे डा श्रीनिवास

  • जयंती पर साहित्य सम्मेलन में आयजित हुआ समारोह, दोनों साहित्यिक विभूतियों को दी गई काव्यांजलि
पटना, ३० दिसम्बर। अपने समय के महान साहित्यकार और आयुर्वेदाचार्य पं चंद्रशेखरधर मिश्र खड़ी-बोली हिन्दी के प्राण-प्रतिष्ठापकों में से एक थे। वे बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पाँचवे सभापति थे। वहीं इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान,पटना के संस्थापक-निदेशक डा श्रीनिवास एक महान चिंतक साहित्यकार और भारत के प्रथम हृदयरोग विशेषज्ञ थे। इन दोनों विभूतियों का व्यक्तित्व ऋषि-तुल्य था। दोनों कला, साहित्य और संगीत के आग्रही तथा उनके पोषक-उन्नायक थे।
यह बातें सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित जयंती-समारोह और कवि-सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि डा श्रीनिवास भारत के पहले चिकित्सक थे, जिन्होंने इंग्लैंड से ईसीजी मशीन लेकर भारत आए थे, जिस मशीन से भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा राजेंद्र प्रसाद और नेपाल के प्रधानमंत्री बी पी कोईराला समेत अनेक प्रभावशाली व्यक्तियों और सामान्य जन की भी चिकित्सा हुई।
डा श्रीनिवास के पुत्र ईं भैरव उस्मान प्रियदर्शी ने पिता की स्मृतियों को तर्पण देते हुए कहा कि डा श्रीनिवास ने अपने जीवन से समाज के सामने अनेक दृष्टांत रखे, जिनका अनुशरण कर समाज को सुंदर बनाया जा सकता है। उनके १० शिष्यों को 'पद्म अलंकरण' से सम्मानित किया गया, पर उन्हें यह सम्मान नहीं दिया जा सका। पर वे कभी इसकी अपेक्षा भी नहीं करते थे। वे इन सबसे बहुत ऊपर थे।
सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, प्रो रत्नेश्वर सिंह, पं चंद्रशेखरधर मिश्र के प्रपौत्र के पुत्र विभांक मिश्र, ईं आनन्द किशोर मिश्र, तथा प्रो सुशील कुमार झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आयोजित कवि-सम्मेलन का आरंभ चंदा मिश्र ने वाणी-वंदना से किया। वरिष्ठ कवि प्रो सुनील कुमार उपाध्याय, पं गणेश झा, जय प्रकाश पुजारी, डा रमाकान्त पाण्डेय, शमा कौशर 'शमा', ओम् प्रकाश पाण्डेय, ईं अशोक कुमार, शंकर शरण आर्य आदि कवियों और कवयित्रियों ने काव्य-पाठ से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मंच का संचालन ब्रह्मानन्द पांडेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सम्मेलन के प्रबंधमंत्री कृष्ण रंजन सिंह ने किया।
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