बेटियाँ
डॉ अ कीर्ति वर्द्धनएक हौसला है, हम सब में उड़ान का,
पंख छोटे सही, गगन तक पहचान का।
छू लेंगे गगन एक दिन, लक्ष्य बना लिया,
देखेगा नजारा जग, बेटियों की शान का।
इतिहास साक्षी है, जब जब भी हम बढ़ी है,
गार्गी- अपाला- सावित्री, लक्ष्मी सी बढ़ी हैं।
धन ज्ञान या हो ताक़त, प्रतिबिंब सबका हम,
हम ममता की मूर्ति, नभ से आगे तक बढ़ी हैं।
सीमा पर प्रहरी, अंतरिक्ष की उड़ान हो,
घर में रसोई चौका, खेतों में किसान हो।
शिक्षा स्वास्थ्य प्रशासन, कोई भी जगह,
हारी नहीं हैं बेटी, पाताल- आसमान हो।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com