Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

साल बदल रहा, लोग बदले,

साल बदल रहा, लोग बदले,

अब हम भी बदल जायेंगे,
प्रतिक्रिया की आदतों को छोड़,
मौन में सिमट जायेंगे।
जो अपने थे,हैं और रहेंगे,
गैरों को अब न आजमायेंगे।
ख़ुद और ख़ुदा पर होगा भरोसा,
मतलबी लोगों से दूरी बनायेंगे।
बार बार टूट रही जो डोर,
उसपर बेवजह गाँठ न लगायेंगे।
नासमझ बन करते जो चालाकियाँ,
उन्हें यादों के तहखाने में दफनायेंगे।
सम्भली भी नहीं जितनी गिरी बार-बार,
स्वाभिमान के संबल से आगे बढ़ते जायेंगे।
झूठ से दूर रहती आयी हूँ सदा,
अब झूठों से भी दूर चले जायेंगे।
अपना कोना ढूंढ ही लेंगे आसमान में,
किसी और की छत पर चाँदनी न लायेंगे।
मेरे आँसू कीमती जिनके लिए,
अब खुशियाँ भी उनपर लुटायेंगे।
डॉ रीमा सिन्हा

लखनऊ
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ