खाटू नरेश की महिमा अपरंपार
शेखावाटी उत्संग खाटू नगरी,जन आस्था परम धाम ।
धर्म कर्म पावनता अथाह,
दर्शित अलौकिकता अविराम ।
दुःख कष्ट मूल विलोपन,
अविरल सुख समृद्धि धार ।
खाटू नरेश की महिमा अपरंपार ।।
कलयुग कृष्ण अवतारी बाबा,
भक्त वत्सल कृपालु निधि ।
आशीष वृष्टि जनमानस,
अनंत आह्लाद मंदिर परिधि ।
परिपूर्ण सर्व मनो कामनाएं,
नभ गुंजित दिव्य जयकार ।
खाटू नरेश की महिमा अपरंपार ।।
उत्सविक प्रभा अंतर पटल,
धर्म अर्थ काम मोक्ष द्वार ।
भीम पौत्र शक्ति भक्ति अद्भुत,
नित साक्षात दर्शन चमत्कार ।
घटोत्कच पुत्र बर्बरीक अनुपमा,
सर्वत्र मस्त मलंग खुशियां बहार ।
खाटू नरेश की महिमा अपरंपार ।।
त्रि अभेद्य बाण धारी श्रृंगार,
कन्हाई सम पूजा अर्चना ।
सर्वत्र पदयात्रा आध्यात्म ओज,
भक्त समूह उल्लास विवर्तना ।
लोक राग रंग छटा मनोरम,
शीशदानी कृपा आनंद अपार ।
खाटू नरेश की महिमा अपरंपार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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