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महाकुंभ 2025 में खेल महाकुंभ: संवाद संगम का हुआ भूमि पूजन

महाकुंभ 2025 में खेल महाकुंभ: संवाद संगम का हुआ भूमि पूजन

प्रयागराज, 23 जनवरी 2025: संगम क्षेत्र, प्रयागराज में आज खेल महाकुंभ: संवाद संगम का भूमि पूजन समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ। 5 से 12 फरवरी 2025 तक होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य भारत में खेलों के विकास को एक नई दिशा देना है। इस पहल के तहत नीति-निर्माताओं, खिलाड़ियों, कॉर्पोरेट जगत के प्रतिनिधियों और खेल विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर भारतीय खेलों के भविष्य पर सार्थक चर्चा की जाएगी।
भूमि पूजन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव, क्रीड़ा भारती उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री अवनीश कुमार सिंह, और क्रीड़ा भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष श्री पंकज जी, सहित कई गणमान्य व्यक्ति और खिलाड़ी उपस्थित रहे।
श्री गिरीश चंद्र यादव ने इस अवसर पर कहा, “आज का भूमि पूजन खेलों के क्षेत्र में एक नई यात्रा की शुरुआत है। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह आयोजन न केवल एथलीटों को सशक्त बनाएगा, बल्कि स्वदेशी खेलों को प्रोत्साहन देकर भारत को खेल महाशक्ति बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।”
क्रीड़ा भारती उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री अवनीश कुमार सिंह ने कहा, “यह आयोजन केवल एक इवेंट नहीं है, बल्कि भारतीय खेल क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक आंदोलन है। उत्तर प्रदेश सरकार के समर्थन से यह पहल उभरते हुए एथलीटों और हाशिए पर मौजूद प्रतिभाओं को एक मंच देने के साथ भारत की खेल विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेगी।”
1992 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से स्थापित क्रीड़ा भारती और टीवाईसी कम्युनिकेशन द्वारा आयोजित इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें संवाद और खेल गतिविधियों का अनूठा संयोजन होगा।
टीवाईसी कम्युनिकेशन की निदेशक गीता सिंह ने कहा, “प्रयागराज और महाकुंभ से बेहतर स्थान और समय इस पहल की शुरुआत के लिए नहीं हो सकता। यह आयोजन भारत की खेल क्षमताओं को जगाने और देश को खेल महाशक्ति बनाने का प्रयास है।”
खेल महाकुंभ में सात दिनों तक उच्च-स्तरीय चर्चा और प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। मल्लखंब, कुश्ती, तीरंदाजी और कबड्डी जैसे खेलों के साथ-साथ 2036 ओलंपिक की तैयारी और खेलों के विकास में कॉर्पोरेट्स की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। आयोजन के दौरान 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
इस ऐतिहासिक आयोजन का समापन 100 गुमनाम खेल नायकों – खिलाड़ियों, कोचों और योगदानकर्ताओं – को सम्मानित करने के साथ होगा। ये वे लोग हैं जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से भारतीय खेलों को एक नई पहचान दी है।

इस पहल में अमूल, सीआईओ एसोसिएशन, वाईडीएमए और दूरदर्शन जैसे साझेदार शामिल हैं। खेल महाकुंभ: संवाद संगम भारत के खेल क्षेत्र में बदलाव लाने और इसे वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
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