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श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार

श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार

हिंदू धर्म अनुपमा अद्भुत,
जीवन यथार्थ परम बोध ।
पथ प्रशस्त नैतिक जीवन,
कर्म दिशा दशा चरम शोध ।
अठारह पुराण दिव्य प्रभा,
ज्ञान प्रज्ञान स्वप्न साकार ।
श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार ।।


महापुराण उपमा श्रीमद्भागवत,
श्री कृष्ण भक्ति अप्रतिम ग्रंथ ।
अथाह रास रस भाव प्रवाह,
आध्यात्म ओज प्रभाव मंथ ।
ज्ञान वैराग्य भक्ति महानता,
हर्ष उमंग जन चेतना आधार ।
श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार ।।


तीन सौ पैंतीस अध्याय सह,
बारह शोभित भव्य खंड ।
अठारह हजार अनूप श्लोक,
अमृत स्वरिका धार प्रचंड ।
वेदव्यास जी अतुल्य लेखनी,
श्रवण पठन वाचन सौभाग्य द्वार ।
श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार ।।


वेद उपनिषद परा शीर्ष महत्ता,
भव सागर पार मूल मंत्र ।
वैष्णव जन पर्याय धन संपदा
मुकुट पौराणिक संहिता तंत्र ।
ज्ञानी चिंतन संत मनन भक्त वंदन,
सात्विक आभा आचार विचार ।
श्रीमद्भागवत,श्री कृष्ण का साहित्यिक अवतार ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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