भारत का पुनर्जागरण हो रहा, जान लो,
राष्ट्र का फिर उत्थान हो रहा, जान लो।धर्म- कर्म- संस्कार पुनः जागृत हो रहे,
विश्व गुरू भारत पुनः बन रहा, जान लो।
ली अभी अंगड़ाई, तो विश्व हिल गया,
बात मन्दिर की चलाई, जग हिल गया।
भगवे का परचम गगन में छाया देखकर,
रामद्रोहियों का विश्वास, दिल हिल गया।
देख भीड़ प्रचंड यहाँ, दुनिया हैरत में है,
महाकुंभ का परचम, संगम भारत में है।
प्रयागराज में आधा भारत हुआ इकट्ठा,
सनातन धर्मी खुश, अधर्मी ग़ैरत में हैं।
सम्पूर्ण विश्व से श्रद्धालुओं का हुआ आगमन,
ब्रह्मांड से देवगणों का तीर्थ में हुआ पदार्पण।
असुरों का प्रयागराज में आना प्रतिबंधित,
महाकुंभ की पुण्य बेला में सर्वस्व समर्पण।
जाति धर्म की दीवारें बिखर गयी हैं
क्षेत्रवाद की सारी राहें बदल गयी हैं।
धर्म कर्म और मानवता का सैलाब यहाँ,
अलगाववाद की सारी हदें दरक गयी हैं।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com