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एक नई परीक्षा जिंदगी की

एक नई परीक्षा जिंदगी की

जिंदगी के मोड़ भी कैसे बदल बदलकर आते हैं।
हरेक मोड़ पर एक नई परीक्षा जिंदगी की पाते हैं।
हर मुकाम पर हौसलों की हमको भारी जरूरत है।
जोश जज्बा उमंग उत्साह लगन ही शुभ मुहूर्त है।

सुख-दुख खुशियां मिले कभी गमों का चलता दौर।
कभी नयन नीर बरसाते कभी नाचता मन का मोर।
टूट जाते रिश्ते नाते अपने भी हमको लगते बेगाने ।
कभी रात भर महफिलें हो कभी चलते अफसाने ।

खिल जाते हैं ख्वाब सुनहरे महके हुए चमन से।
संघर्षों से ही दमकते है मोती अनमोल सृजन से।
जीवन की जंग में हमको हिम्मत खूब दिखलानी।
एक नई परीक्षा जिंदगी की सबको देकर जानी।

प्रश्न पत्र समय के पन्ने जीवन का होता इतिहास।
कर्म हमारे यश वैभव को बना देते स्वर्णिम खास।
परीक्षक खुद कुदरत होती हाथ ना कॉपी ना पेन।
कड़ी परीक्षा होती है तब मिलता कहीं नहीं चैन।


रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
 रचना स्वरचित व मौलिक है
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