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महावाणी स्मरण सह काव्य गोष्ठी का आयोजन

महावाणी स्मरण सह काव्य गोष्ठी का आयोजन

आज निराला निकेतन,मुजफ्फरपुर, बिहार अवस्थित महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के प्रतिमास्थल पर मासिक महावाणी स्मरण सह काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। आज के कवि गोष्ठी की अध्यक्षता डाँ उषा किरण श्रीवास्तव ने किया।मँच सँचालन अँजनी कुमार पाठक ने किया।सर्वप्रथम अँजनी कुमार पाठक ने महाकवि आचार्य श्री जानकी वल्लभ शास्त्री के लोकप्रिय गीत- किसने बाँसुरी बजायी को गाकर वाहवाही लूटी।तदोपरांत भोजपुरी रचनाकार रघुनाथ मोहब्बत पुरिया ने भोजपुरी मेँ -अभागिन कहे लोगन हमार सजनी रे,अरूण कुमार तुलसी ने -जब मोह निशा का चमके मन मेँ,आलोक कुमार अभिषेक ने-मानव रब की रचना है अनुपम यह दुर्लभ अवतार है, अँजनी कुमार पाठक ने-इँसान तू इन्सानियत को भूल मत जा,डाँ उषा किरण श्रीवास्तव ने माँ की ममता कडकडाती ठँड मेँ अपने बच्चों को बचाने के लिये, सुमन कुमार मिश्र ने-मैं विश्वबन्धुत्व की बातें कहकर असमँजस मेँ पडा रहा, सत्येंद्र कुमार सत्येन ने -एक दिन आइल रहे इयाद साँवर गोडिया ,उमेश राज ने -गजल और शीतलहर, बहुत अच्छा लगता यह कहर ,काव्य रचना पाठ कर शीतलहर को भगा दिया।कार्यक्रम के अँत मेँ नागरिक मोर्चा के सँस्थापक महासचिव मोहन प्रसाद सिन्हा ने सभी साहित्यकारों को इस भयकर शीतलहर मेँ भी आचार्य श्री की प्रतिमास्थल की शोभा बढाई,इसलिए आप सबो को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं।
तदोपरांत प्रतिमास्थल पर सँस्कार भारती के जन्मदाता कलादधिची योगेंद्र प्रसाद की जयँती पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।

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