असली दौलत का मापदंड
पंकज शर्मा
अक्सर हम अपनी दौलत को संख्याओं से जोड़कर देखते हैं। बैंक बैलेंस, संपत्ति, सोना-चांदी, ये सब हमारे लिए धन का प्रतीक बन जाते हैं। लेकिन क्या ये सचमुच हमारी असली दौलत का मापदंड हैं?
उपरोक्त उद्धरण हमें एक नया नजरिया देता है। यह हमें बताता है कि हमारी असली दौलत हमारे पास मौजूद धन से कहीं अधिक है। यह हमारे रिश्तों, हमारे प्यार, हमारे करीबियों के समर्थन में छिपी होती है। जब हम मुश्किल में होते हैं, तब हमारे आसपास मौजूद लोग ही हमारी असली दौलत होते हैं।
जब हमारी आंख से एक आंसू गिरता है, तो यह हमारे दुख, दर्द या निराशा का प्रतीक होता है। इस क्षण, हमारे आसपास के लोग ही हैं जो हमारे पास आते हैं, हमें सांत्वना देते हैं, और हमें ताकत देते हैं। यही है हमारी असली दौलत।
दौलत का असली अर्थ .....
1) रिश्ते
2) प्यार
3) समर्थन
क्यों है यह महत्वपूर्ण ..... ?
1) खुशी
2) संतुष्टि
3) अर्थ
आगे का रास्ता ....
1) रिश्तों को मजबूत करें
2) दूसरों की मदद करें
3) कृतज्ञ रहें
असली दौलत धन में नहीं, बल्कि हमारे रिश्तों, प्यार और समर्थन में छिपी होती है। जब हम मुश्किल समय से गुजरते हैं, तो यही चीजें हमें आगे बढ़ने की ताकत देती हैं। इसलिए, हमें अपनी असली दौलत को पहचानना चाहिए और उसकी कद्र करनी चाहिए।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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