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मेरा बेटा मेरा लाडला

मेरा बेटा मेरा लाडला

जब तू छोटा बच्चा था
मेरे कांधे पर सोता था
मेरी लोरी सुनता था
धीरे धीरे सो जाता था
समय तीव्र गति से आगे बढ़ा
तू भी बढ़ता चला गया
मेरी उम्र ढलने लगी
तेरी परवरिश चलती रही
काम करते हुए मैं थक जाती हूं
तेरी मदद पाकर निहाल हो जाती हूं
सिरदर्द होने पर मेरे सिर में तेल लगाता है
बालों को सहलाकर तू मुझे सुलाता है
मेरी अंगुली पकड़ कर चलने वाला
अब मुझे संभालकर चलाता है
मेरे कंधे पर सोनेवाला
मुझे देश परदेश घुमाता है
मेरा बेटा मेरा लाडला।
-सविता शुक्ला
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