सनातन संस्था द्वारा ‘सनातन संस्कृति प्रदर्शनी’ का आयोजन!
प्रयागराज - सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक आधार को समझाने वाली ‘सनातन संस्कृति प्रदर्शनी’ प्रयागराज के कुंभ मेले में आयोजित की गई है। यह प्रदर्शनी 12 जनवरी से 15 फरवरी 2025 तक सनातन संस्था शिविर, सेक्टर 9, गंगेश्वर महादेव मार्ग, प्रयागराज में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहेगी। सनातन धर्म पर सरल भाषा में जानकारी प्रदान करने वाली इस प्रदर्शनी का लाभ उठाने के लिए कुंभ मेले में आए श्रद्धालुओं से अपील की गई है। यह जानकारी सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने एक पत्रकार सम्मेलन में दी।
हिंदू राष्ट्र के प्रति जागरूकता की आवश्यकता : इस अवसर पर श्री राजहंस ने कहा, “कुंभ मेला करोड़ों श्रद्धालुओं की भक्ति का महा-मेला है। लेकिन, कई लोगों को सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं के पीछे छिपे शास्त्र का ज्ञान न होने के कारण उन्हें अपेक्षित आध्यात्मिक लाभ नहीं मिल पाता। वर्तमान में कॉन्वेंट स्कूलों में बाइबल और मदरसों में कुरान सिखाई जाती है; लेकिन सामान्य हिंदुओं को उनके धर्म के बारे में शिक्षित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए ‘सनातन धर्म क्या है?’ और इसका आचरण कैसे किया जाए, यह जानना आवश्यक है। धार्मिक क्रियाएं श्रद्धा और सही तरीके से की जाएं, तो उनका आध्यात्मिक लाभ अधिक होता है। भारत स्वाभाविक रूप से हिंदू राष्ट्र है और सनातन धर्म का उद्देश्य विश्व कल्याण और शांति है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सनातन संस्था द्वारा यह ‘सनातन संस्कृति प्रदर्शनी’ आयोजित की गई है।”
प्रदर्शनी की विशेषताएं : ‘तीर्थमहिमा कक्ष’ और ‘हिंदू राष्ट्र बोध कक्ष’ : सनातन संस्था के साधक श्री संजय सिंह ने प्रदर्शनी की विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए बताया कि सनातन संस्था 2001 से कुंभ मेले में ऐसी प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूकता फैला रही है। तीर्थमहिमा कक्ष: इसमें 2 श्राद्धक्षेत्र, 3 त्रिस्थली यात्रा स्थलों, 4 कुंभक्षेत्रों और 7 मोक्षपुरी स्थलों की महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। हिंदू राष्ट्र बोध कक्ष : यहां हिंदू राष्ट्र की संकल्पना से जुड़े प्रश्नों और उनके शास्त्र-सम्मत उत्तर प्रदान किए जाएंगे।
ग्रंथ प्रदर्शनी और जानकारी पुस्तिकाएं : सनातन धर्म, अध्यात्म, साधना और राष्ट्रहित पर आधारित सनातन संस्था के ग्रंथों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। विशेष ग्रंथ, फलक और वीडियो के माध्यम से धर्मशास्त्र की जानकारी प्रदान की जाएगी। सनातन संस्था की साधिका सौ. धनश्री केळशीकर ने कहा, “यह प्रदर्शनी श्रद्धालुओं को सनातन धर्म का महत्व, उसके आध्यात्मिक लाभ और परंपराओं का वैज्ञानिक आधार समझने में मददगार होगी। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे इस प्रदर्शनी का अवश्य लाभ उठाएं।”
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