प्रगति का छोर,अपनों की ओर
विकसित राष्ट्र संकल्पना बिंदु,हर नागरिक योगदान अहम ।
प्रवासी भागीदारी नित वंदनीय,
जन्म धरा सुख समृद्धि पैहम ।
असीम खुशियां आनंद निर्झर,
सुदृढ़ स्नेहिल अपनत्व डोर ।
प्रगति का छोर,अपनों की ओर ।।
नित शोभित तिरंगी कीर्तिमान,
शिक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी पटल ।
वंदन निज संस्कृति संस्कार,
राष्ट्र धर्म निर्वहन ध्येय अटल ।
संविधान सम्मत कार्यशैली,
हर क्षेत्र निवेश प्रयास पुरजोर ।
प्रगति का छोर,अपनों की ओर ।।
शासन प्रशासन नैतिक कर्तव्य,
प्रशस्त जनमानस उन्नयन पथ ।
श्रम प्रतिभा उपयोग राष्ट्र हित,
तत्पर भारती सेवा रक्षा शपथ ।
ज्ञान ध्यान गौरव स्वाभिमान,
समग्र विकासमय उर हिलोर ।
प्रगति का छोर,अपनों की ओर ।।
बापू हिंद धरा आगमन स्मृति,
प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन ।
नमन राष्ट्र पिता स्वतंत्रता संघर्ष,
प्रेरणा वर्तमान खुशहाली प्रयोजन ।
ओडिसा भुवनेश्वर छटा मनोरम,
शुभ मंगल अठारहवें संस्करण भोर ।
प्रगति का छोर,अपनों की ओर ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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