राष्ट्रीय चेतना की भोर,नेताजी सुभाष बोस
स्वतंत्रता संघर्ष अहम भूमिका,अद्भुत ओजस्वी मुखर स्वर ।
प्रत्यक्ष विरोध फिरंगी शासन,
क्रांति ज्वाला संप्रभु तत्पर ।
प्रेरणा पुंज नेतृत्व प्रतिभा,
प्रदत्त जय हिंद दिल्ली चलो उद्घोष ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,नेताजी सुभाष बोस ।।
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा,
राष्ट्र प्रेम हुंकार आह्वान ।
परित्याग कर आई सी एस,
रक्षित मातृ धरा स्वाभिमान ।
उत्प्रेरक बिंब नागरिक जन,
संचरित उत्साह उमंग जोश ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,नेताजी सुभाष बोस ।।
अंग्रेजी सूर्य अस्त काज,
आजाद हिन्द फौज गठन ।
क्रांति बिगूल सीमा पार,
रणनीति सुदृढ़ संगठन ।
अप्रतिम दूरदर्शिता दृष्टांत,
हर कदम पर लक्ष्य होश ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,नेताजी सुभाष बोस ।
क्रांतिकारी विराट व्यक्तित्व,
राष्ट्र स्वाधीनता परम ध्येय ।
सशक्ति मूर्धन्यता अभिप्राय,
सोच विचार हावभाव अजेय ।
ह्रदय प्रज्वलित अखंड ज्वाला,
आजादी चाह जीवन परितोष ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,नेताजी सुभाष बोस ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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