समस्या नहीं, समाधान का हिस्सा बनें
यह उद्धरण हमें सिखाता है कि हमें हमेशा समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि समस्याओं पर। जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं:
हम समस्या के बारे में शिकायत कर सकते हैं और नकारात्मक दृष्टिकोण अपना सकते हैं।
हम समाधान खोजने के लिए प्रयास कर सकते हैं और सकारात्मक दृष्टिकोण अपना सकते हैं।
यदि हम पहला विकल्प चुनते हैं, तो हम समस्या का हिस्सा बन जाते हैं और इससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं ढूंढ पाते हैं। लेकिन, यदि हम दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो हम समाधान का हिस्सा बन जाते हैं और समस्या को हल करने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए, हमें हमेशा यह प्रयास करना चाहिए कि हम समाधान का हिस्सा बनें, समस्या का नहीं। हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।
कुछ और बातें :-
1) जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो हमें शांत रहना चाहिए और समस्या को ध्यान से समझना चाहिए।
2) हमें समस्या के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना चाहिए और समाधान के लिए अलग-अलग रास्ते खोजने चाहिए।
3) हमें दूसरों से मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
4) हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और प्रयास करते रहना चाहिए।
यदि हम इन बातों को ध्यान में रखेंगे, तो हम निश्चित रूप से अपने जीवन में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान ढूंढने में सक्ष्म होंगे।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)
पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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