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पराये अपने हो जाते

पराये अपने हो जाते

हर रोज सोचता हूँ
कुछ नया करें।
या पुराने विचारों का
आज अनुसरण करें।
और कल की सोच को
आज से मिलायें।
फिर पूरी ईमानदारी से
उसका परिणाम बतायें।।


लोगों का मजाक उड़ना
दिल दुखाना अच्छा लगता है।
किसी के दिल पर मरहम
लगाकर तुम देखो।
फर्क दोनों का तुम्हें
स्वयं दिख जायेगा।
घाव देने से ज्यादा मरहम
लगाने में आनदं आयेगा।।


रखोगें दिलमें इंसानियत तो
पराये अपने बन जायेगें।
तुम्हारे दुख दर्द में वो
हर समय काम आएंगे।
पराये होते हुये भी ये
अपनो वाला रिश्ता निभायेंगे।
और संग-संबंधियों से ज्यादा
ये आपके बन जायेंगे।।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई
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