Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

आशा से आकाश थमा है,कहते हैं सब,साथी!

आशा से आकाश थमा है,कहते हैं सब,साथी!

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•

(पूर्व यू.प्रोफेसर)

आशा से आकाश थमा है,कहते हैं सब,साथी!
अनपेक्षा सबसे श्रेयस्कर,समझ गया अब,साथी!

जो जितना ही मन हारे,वह उतना ही दुख पाए ;
दिल से दिल बेगरज भी कहो मिलता है कब,साथी!

रहो मारते छक्के गर चाहो पुजना किरकिट में,
वरना जग बिफरेगा जब छूटेगा करतब, साथी!

ताकजा जिंदगी फलकबोस हो आग-लपट-जैसी,
जीवन सार्थक, क्षण में ही हो कल्प-बोध जब,साथी!

मानव-जाति विराट् ,जातियाँ सब जिसमें निर्वापित ;
मानव-प्रेम निष्कपट,विश्व-धर्म का मतलब,साथी!

हँसुए का है व्याह, गीत खुरपी के क्या गाते हो,
 वैज्ञानिक परिणति से दुनिया एक गाँव अब,साथी!
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ