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मोहब्बत का होना..

मोहब्बत का होना..

मेरे मुस्कराने भर से ही
तेरा दिल क्यों खिल उठता है।
तेरे दिल में मेरे लिये
क्या कोई दीपक जलता है।
अगर ऐसा कुछ है तो
बता दो अपनी आँखों से।
और अपने दिलकी बातों को
तुम कह दो आके मुझसे।।

देखा और देखी से अगर
दिल में प्यार पनपता है।
जमाने में इसी तरह का
प्यार का दौर चलता है।
किसी को मिल जाती है
अपनी वो प्यारी मेहबूबा।
जिस से वो रोज लड़ते थे
अपनी प्यारी आँखो को।।

खुशी का और मोहब्बत का
कभी इंतजार मत करना।
अगर मिल जाएँ मौका तो
तुरंत इजहार तुम करना।
सुनहरे अवसर को तुम
कभी बेकार मत करना।
नही तो हाथ मलते तुम
जीवन में रह जाओगें।।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई
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