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मुख्यमंत्री ने सहरसा जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की

मुख्यमंत्री ने सहरसा जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की

  •  समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणायें
पटना, 23 जनवरी 2025:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में सहरसा जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध मेंप्रमंडलीय सभागार (कोशी प्रमंडल), सहरसा में समीक्षात्मक बैठक की।
समीक्षात्मक बैठक में सहरसा के जिलाधिकारी श्री वैभव चैधरी ने जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10$2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोट्र्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज/परिमार्जन/परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णाेद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सभी का इस बैठक में अभिनंदन एवं स्वागत करता हूं। सहरसा के जिलाधिकारी श्री वैभव चैधरी ने जिले में चल रही विकासात्मक कार्यों की जानकारी हम सभी को दी है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। यहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखी हैं। आज हमने कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है। हम अधिकारियों से कहेंगे कि यहां जो भी जरूरतें हैं, उसे ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। प्रगति यात्रा में हम पहले जिन जिलों का दौरा किए थे और वहां की जो ज़रूरतें थी, उसके संबंध में कैबिनेट की बैठक में हमलोगों ने निर्णय लिया है। हमारा उद्देश्य है कि हर प्रकार से बिहार की तरक्की हो। वर्ष 2005 के बाद हमलोगों ने बिहार में विकास का जो काम किए हैं, उसे याद रखियेगा। हम शुरू से ही पूरे बिहार का दौरा समय-समय पर करते रहे हैं। हर क्षेत्रों में विकास के कार्य कराये गये हैं, आप सब उसे भूलिएगा मत।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 से हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं। वर्ष 2005 से पहले बिहार की क्या स्थिति थी, आप सभी उससे अवगत हैं। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। लोग घरों में कैद रहने को मजबूर थे। हिन्दू-मुस्लिम के बीच प्रायः झगड़े हुआ करते थे, हमने उसे खत्म किया। वर्ष 2005 के पहले जो लोग राज कर रहे थे, उनको वोट भी मिलता था, बावजूद इसके हिन्दू-मुस्लिम का विवाद प्रतिदिन अखबारों की सूर्खियां बनती थी। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। सड़कों का काफी अभाव था। अस्पतालों में मरीजों को दवा नहीं मिलती थी। जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो सड़कों की कमी के कारण मुझे अपने क्षेत्र में काफी पैदल घूमना पड़ता था। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास किए जा रहे हैं। हमलोग किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करते हैं, जिनको जिन्हें वोट देना है दें। बिहार में अब डर और भय का माहौल खत्म हो गया है। शांति एवं भाईचारा का वातावरण कायम है। बिहार में पहले बिजली की स्थिति काफी दयनीय थी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली न के बराबर रहती थी। राजधानी पटना में भी 8 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाती थी। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया। 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसे देखते हुए पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हो। हमलोगों ने कोई काम नहीं छोड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे है। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बिहार का सबसे पुराना अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पी0एम0सी0एच0) को 5400 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। बाकी 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों का भी विस्तार कराया गया है। हमलोग आई0जी0आई0एम0एस0, पटना का विस्तार कर उसे 3000 बेड की क्षमता का करा रहे हैं। हमलोगों ने 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर तक नल का जल, हर घर में शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की गली-नाली निर्माण, हर टोले तक पक्की सड़क का निर्माण, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है। जो भी नई बसावटें बनी हैं, 2025 तक उन सभी बसावटों में भी ये सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी। खुले में शौच करने से लोगों को अनेक प्रकार की बिमारियां होती थी, जिन परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण के लिए जगह नहीं थी, उनके लिए सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया। वर्ष 2020 से सात निश्चय योजना-2 के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, टेलीमेडिसिन, बाल हृदय योजना, हर खेत तक सिंचाई पानी आदि का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके बाद अब तक कुल 4 चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हमलोगों ने वर्ष 2006 में विष्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाना शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों ने बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन शुरू कराया है। अब तक शहरी इलाकों में 26 हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 3 लाख से अधिक जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, देश के किसी भी दूसरे राज्य की पुलिस बल में महिलाओं की संख्या उतनी नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। हमलोगों ने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहरसा जिले में विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं, यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आई०टी०आई०, सभी अनुमंडलों में आई०टी०आई०, जी0एन0एम0 संस्थान एवं सड़क तथा पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। यहां वी0पी0 मंडल सेतु का जीर्णाेद्धार, जलनिकासी, ट्रैफिक जाम आदि की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए अनेक कार्य कराए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में कोशी नदी का बांध टूटने से सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में भीषण बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई थी, उस समय हम आकर यहां रहे थे और प्रभावित इलाकों में जाकर देखे थे, बाढ़ से काफी नुकसान हुआ था। हमलोगों ने विष्व बैंक से कर्ज लेकर और राज्य के संसाधन से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण का कार्य हेतु दो फेज में योजना चलाकर तेजी से काम कराया। उसका जो काम अभी शेष है, उसे शीघ्र पूरा कराया जाएगा। हमलोगों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तर्ज पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराना शुरू किया। जून 2025 तक सभी पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। सहरसा जिले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत ग्रीड सब स्टेशन, पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया गया है। कृषि कार्य हेतु सिंचाई के लिए 29 डेडिकेटेड कृषि फीडर अब तक स्थापित किये जा चुके हैं, जिससे 8,481 किसानों को खेती के लिए बिजली का कनेक्शन दिया गया है। यहां 21,086 स्वयं सहायता समूह का गठन कराया गया है, जिनसे 2 लाख 67 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं। 3 जीविका दीदी की रसोई यहां संचालित है। हमलोग सबके हित में काम करते हैं, वो चाहे पुरुष हो या स्त्री।

सहरसा जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें

  • तिलावे नदी का उड़ाही किया जायेगा, इससे नदी के जलस्तर में सुधार होगा तथा भूजल स्तर बढ़ेगा। साथ ही शहर की जलनिकासी में सहूलियत होगी।
  • सहरसा नगर निगम क्षेत्र में स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का विकास किया जायेगा, इससे शहरी क्षेत्र में जलनिकासी की सुविधा प्राप्त होगी तथा बरसात के दिनों में लोगों को जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
  • मां उग्रतारा धाम क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा, इससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।
  • जिला मुख्यालय में प्रमंडल स्तरीय खेल परिसर का विकास किया जायेगा, इससे खेलों को बढ़ावा मिलेगा।
  • सहरसा शहर में बंगाली बाजार रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जायेगा, इससे लोगों को काफी सुविधा होगी तथा जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
  • सत्तर कटैया प्रखंड के औकाही गाँव से चैनपुर होते हुये कोपरिया तक वाटर चैनल की उड़ाही किया जायेगा, इससे जलजमाव की समस्या खत्म हो जायेगी।
  • सहरसा जिले में बनमा इटहरी तथा सत्तर कटैया प्रखंडों में प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण कराया जायेगा।
  • सहरसा शहर में वर्तमान हवाई अड्डे पर छोटे विमानों के संचालन हेतु उड़ान योजना में इसे सम्मिलित करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जायेगा।

इन सभी कामों को जल्द ही कैबिनेट की भी स्वीकृति दे दी जाएगी। वर्ष 2005 से पहले वाले लोग कुछ काम नहीं किए, केवल बातें बनाते रहे। किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधि हों, उनके सुझाव का हमलोग सम्मान करते हैं। उनके इलाके की जो भी मांगे होंगी, उन सबको पूरा किया जाएगा। हमलोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। हम सबके हित में काम करते रहेंगे। आज हम कई जगहों पर जाकर देखें हैं और लोगों से बातचीत भी की है। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि काम ठीक ढंग से हो रह है। आप सभी का मैं पुनः अभिनंदन करता हूं।
जिलाधिकारी श्री वैभव चैधरी ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा और प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चैधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह सहरसा जिला के प्रभारी मंत्री श्री दिलीप कुमार जायसवाल, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री रत्नेश सादा, सांसद श्री दिनेश चंद्र यादव, विधायक श्री आलोक रंजन, विधायक श्री गुंजेष्वर शाह, विधायक श्री यूसूफ सलाहउद्दीन, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती किरण देवी, नगर निगम की महापौर श्रीमती बैन प्रिया, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री दिवांकर सिंह, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री चंद्रदेव मुखिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, कोशी प्रमंडल के आयुक्त श्री राजेश कुमार, कोशी प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक सुरक्षा श्री दीपक वर्णवाल, सहरसा के जिलाधिकारी श्री वैभव चैधरी, पुलिस अधीक्षक श्री हिमांशु सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा तथा पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार बैठक से जुड़े थे।

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