विज्ञान के मूल में,वेद परम आधार
श्रुति ग्रंथ अप्रतिम महत्ता,ब्रह्म आलोक स्पंदन ।
कारण प्रयोग प्रभाव तथ्य,
स्वप्न प्रभा यथार्थ वंदन ।
भौतिकी रसायन गणित संग,
चिकित्सा सूत्र मर्म आगार ।
विज्ञान के मूल में,वेद परम आधार ।।
विज्ञानी तपन जपन,
लक्ष्य दीप्त उर धारा ।
खगोल अनूप संधान क्षेत्र,
ज्ञान प्रेरणा पुंज सारा ।
चंद्रयान तृतीय सफलता,
अविरल मनुज संवेदन धार ।
विज्ञान के मूल में,वेद परम आधार ।।
अलौकिक मानव प्रतिभा,
हर कदम हर्ष उल्लास ।
शब्द भाव अर्थ अवबोधन,
प्रगति दिशा दिव्य उजास ।
आलोकित नित संघर्ष पथ,
हर प्रयास संग स्वप्न साकार ।
विज्ञान के मूल में, वेद परम आधार ।।
शुन्य सह शिखर बिंदु परिध,
ब्रह्मांड अनुपम विवेचना ।
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद संग,
अथर्ववेद महत्ता संचेतना ।
मानवता उत्थान अहम सेतु,
नित प्रशस्त शोध बिंदु अपार ।
विज्ञान के मूल में,वेद परम आधार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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