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नेताजी सुभाषचंद्र बोस की सोच

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की सोच

नेताजी को याद करके
श्रध्दा सुमन अर्पित करता हूँ।
उन की बोली बातों को
जन जन तक पहुंचना है।
और देशप्रेम की ज्वाला को
युवाओं में फिरसे जलाना है।
और भारत को फिरसे
आजाद कराना है।।


नेता जी का वो कथन
युवाओं को तब भाया था।
जब उन्होंने आजाद हिंद
फौज को बनाया था।
और कहा था की तुमहमें
खून दो मैं आजादी दूंगा।
और अपने हिंदुस्तान को
अंग्रेजो से मुक्त करा लेंगे।।


नेताजी खुदसे और अपने
साथीयों से कहते थे कि।
कमीयां तो मुझमें बहुत है
पर मैं बेईमान नहीं हूँ।
मैं सबको अपना मानता हूँ और
फायदा या नुकसान नहीं सोचता।
शौक है बलिदान देने का
जिसका मुझे गुमान नहीं।
छोड़ दूँ संकट में अपनो का साथ
वैसा तो मैं इंसान नहीं।
सबसे आगे मैं चलूँगा दोस्तों
आप लोगों को पीछे चलना हैं।।


मौका दीजिये अपने खून को
औरो की रागों में बहने का।
ये लाजबाव तरीका है हिंदुस्तानियों के
दिलों में जिंदा रहने का।
क्योंकि ये रिश्ते बड़े प्यारे होते है
जिनमें न हक हो न शक हो।
न दूर हो न पास हो
न जात हो न जज्बात हो।
सिर्फ अपनेपन का हर दिलमें
बस देशप्रेम का एहसास हो।
और हमारा हिंदुस्तान हमेशा
आजाद हो आजाद हो।।


जय हिंद
आ. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयन्ती पर उन्हें याद करे उनका अनुसरण करे, न की उनका उपयोग करे।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई
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