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मेरा प्यार तू है

मेरा प्यार तू है

मोहब्बत करने का मेरा
थोड़ा अंदाज निराला है।
मोहब्बत से जीने का
मेरा एक नेक इरादा है।
इसलिए स्नेह प्यार से
निभाते है दिल के रिश्तें।
और दिल की धड़कने को
हम पढ़ लेते है दिलसे।।


दिलों जी जान से ज्यादा
तुम्हें हम प्यार करते है ।
मोहब्बत के दीपक भी
दिलों में जलाया करते है।
मोहब्बत दिलमें लेकर ही
सदा हम जीया करते है।
और मोहब्बत करने वालों का
बहुत सम्मान करते है।।


मोहब्बत एक तपस्या है
जो हर कोई कर नही सकता।
सहन-शीलता भी बहुत
दिखानी पड़ती है इसमें।
और अपने भावों को भी
पवित्र रखना पड़ता है।
जो ये सब कर पाते है
वो ही मोहब्बत पाते है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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