हाकिम को बेगाना समझे- लानत है,
दुश्मन को तू अपना समझे, लानत है।बोल रहा तू पाक की भाषा- लानत है,
मुल्क तोडते दुश्मन की भाषा, लानत है।
हमने भी चिट्ठी लिक्खी है हाकिम को,
जो बच्चो को बहकाते उन पर लानत है।
जिसने दीवारों पर लिक्खा, मुल्क तोडना,
वो जिन्दा अब तक घूम रहे, लानत है।
गुलशन मे भी काँटे बोते, फूल तोड कर,
नागफनी की खेती करते, लानत है।
मुफ्त के टूकडो पर पलते, आग लगाते,
सम्प्रदायिकता का जहर घोलते, लानत है।
मानवता को हमने माना सदा सनातन,
दानव अब भी खुले घूमते, लानत है।
बच न पायें अलगाववादी इस मुल्क मे,
सी सी टी वी से पहचानो, वर्ना लानत है।
सेना पर भी पत्थर मारें, आग लगाने वाले,
देशद्रोही जिन्दा घूमें, हाकिम पर लानत है।
पी एम की सुरक्षा में सेंध, बस सत्ता खातिर,
देशद्रोही गद्दारों पर, जनता की लानत है।
अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com