मकर संक्रांति
-सविता शुक्ला
मकर संक्रांति के दिन सुबह सुबह नहाते हैं तिल गुड़ खाकर ठंड को दूर भगाते हैं
कल तक रजाई में दुबके रहते थे
आज खुले आसमान में रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं
सपनों और हौसलों की डोर हाथ में थाम हम इतराते हैं
लोहड़ी, पोंगल और सकरात
चाहे जो भी कह लो
नये अनाज भगवान को अर्पित कर
हम धूमधाम से त्योहार मनाते हैं
तिल के लड्डू, तिलकुट और दही चूड़ा भी खाते हैं
महाकुंभ शुरू हो रहा है प्रयागराज में मकर संक्रांति से
संगम में डुबकी लगाकर झूमेंगे लोग श्रद्धा से
नये जोश नयी उमंगों संग हम प्रयागराज महाकुंभ भी घूमने जाएंगे
अपनी संस्कृति अपनी विरासत नयी पीढ़ी को भी समझाएंगे
मकर संक्रांति के दिन सुबह सुबह पवित्र नदी में नहाते हैं
हर दुख दर्द, परेशानियों को भूलाकर खुशियां मनाते हैं।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com