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बांग्लादेशी ग्यारह हज़ार शाकद्वीपी ब्राह्मण का क्रंदन सुने सरकार : गिरीन्द्र मोहन मिश्र

बांग्लादेशी ग्यारह हज़ार शाकद्वीपी ब्राह्मण का क्रंदन सुने सरकार : गिरीन्द्र मोहन मिश्र

मग धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने कहा है कि बांग्लादेश में रह रहे ग्यारह हज़ार शाकद्वीपी ब्राह्मण की स्थिति काफ़ी भयावह है. उनकी ज़िंदगी भय और क्रंदन में बीत रही है.उनकी पीड़ा को सुनने वाला कोई भी नहीं है. अपहरण, बलात्कार, धर्म परिवर्तन के लिए विवश करना और अत्याचारियों की बात नहीं मानने पर बेरहमी से तड़पा -तड़पा कर हत्या करना आम बात है.
गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने आगे कहा कि जले संपत्ति की राख मिटते साख और वज़ूद की कहानी बया कर रही है. किसी भी घटना का रिपोर्ट वहाँ के थाने में दर्ज़ कराने का कोई मतलब ही नहीं होता है क्योंकि पुलिस कोई एक्शन ही नहीं लेती है. पुलिस का कोई एक्शन नहीं लेना दर्शाता है कि अत्याचारियों को पुलिस और प्रशासन का सम्पूर्ण सहयोग हासिल है. मंदिर के टूटे- बिखरे भगवान की मूर्ति नफ़रत की पराकाष्ठा का सबूत पेश कर रहा है. पुल पर लटकते हुए लाश एक ख़ास मक़सद को उजागर करने के लिए काफ़ी है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि कुछ दिनों पूर्व ही दो शाकद्वीपी ब्राह्मण की लड़की का अपहरण कर लिया गया है जिसका कोई अता पता नहीं है.जबकि चिटगाँव के एक वकील चिन्मय दास (65) की निर्मम हत्या कर दिया गया है और उनके कार्यालय को नेस्तनाबूत कर दिया गया है. मग धर्म संसद इसके लिए दुख प्रकट करते हुए उनके आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है. साथ ही अपहृत लड़की के सकुशल बरामदगी की माँग करता है. गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने भारत सरकार से माँग किया है कि बांग्लादेश में रह रहे ग्यारह हज़ार शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज के लोगों का क्रंदन सुने और उन्हें अतिशीघ्र भारत लाने का व्यवस्था करे. वे सभी भारत आना चाहते हैं.
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