प्रणय उत्संग जीवन बसंत
कर्म पुनीत धर्म पावन,यथार्थ पथ नित्य गमन ।
समन्वय परिस्थिति पट,
आशा उमंग अंतर रमन ।
मैत्री प्रभा मुखमंडल शोभा,
सकारात्मक सोच अत्यंत ।
प्रणय उत्संग जीवन बसंत ।।
नैराश्य हल मुस्कान,
हास्य विमुक्त जड़ता ।
मिलनसारी उन्नत चरित्र,
मृदुलता दूर कड़कता ।
प्रकृति संरक्षण सद्प्रयास,
दर्श नैसर्गिक सौंदर्य अनंत ।
प्रणय उत्संग जीवन बसंत ।।
स्वच्छ स्वस्थ परिवेश पटल,
उद्गम स्थल असीम खुशियां ।
आदर सम्मान अपनत्व बिंदु,
सुख वैभव कारक रश्मियां ।
उत्सर्ग तत्परता प्रेम पथ ,
अर्थ परिभाषा संपूर्ण पंत ।
प्रणय उत्संग जीवन बसंत ।।
मिलन उत्कंठा उद्वेलित,
मोहक प्रियेसी प्रियल छवि ।
प्रतीक्षा पल अति आह्लाद,
प्रीत कल्पना सौम्य नवि ।
दृष्टि बिंब अनुपमा प्रेममय,
संकेत विस्मृत आदि अंत।
प्रणय उत्संग जीवन बसंत ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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