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पटना जीपीओ में ‘भारत में प्रथम हवाई डाक उड़ान के 114 वर्ष’ पूरे होने पर विशेष आवरण का विमोचन

पटना जीपीओ में ‘भारत में प्रथम हवाई डाक उड़ान के 114 वर्ष’ पूरे होने पर विशेष आवरण का विमोचन

दिनांक: 18 फ़रवरी 2025 पटना के ऐतिहासिक जी.पी.ओ. में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, श्री पवन कुमार निदेशक डाक सेवाएं (मुख्यालय),बिहार के द्वारा भारत में प्रथम हवाई डाक उड़ान के 114 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, एक विशेष विरूपण का विमोचन फिलैटेलिक ब्यूरो पटना जीपीओ में किया गया।

श्री पवन कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ; यह विशेष विरूपण उस ऐतिहासिक उड़ान की याद दिलाता है जो 18 फरवरी, 1911 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से नैनी (इलाहाबाद के पास) तक लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर हुई थी। इस उड़ान में लगभग 6,500 पत्र ले जाए गए थे और इसे फ्रांसीसी पायलट हेनरी पिकेट ने उड़ाया था। यह पहली बार था जब भारत में डाक पहुँचाने के लिए हवाई जहाज का इस्तेमाल किया गया था, और इसने भारतीय डाक सेवा के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की।

यह विरूपण भारत में डाक सेवाओं के विकास में हवाई जहाजों के महत्वपूर्ण योगदान का भी सम्मान करता है। हवाई जहाजों ने दूर-दराज के क्षेत्रों तक डाक पहुँचाना आसान बना दिया और डाक वितरण प्रणाली को और अधिक कुशल बनाया। इससे पहले, भारत के कई दुर्गम क्षेत्रों में डाक पहुँचाने में हफ़्तों या महीनों लग जाते थे। पहाड़ी इलाके, घने जंगल, और विशाल नदियाँ, ये सब डाक वितरण में बड़ी बाधाएँ थीं। हवाई जहाजों ने इन सभी बाधाओं को पार करके डाक सेवा को तेज और अधिक विश्वसनीय बना दिया। इससे व्यापार, प्रशासन और व्यक्तिगत संबंधों को मजबूती मिली क्योंकि अब संदेशों और दस्तावेजों का आदान-प्रदान बहुत कम समय में होने लगा। दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग अपने प्रियजनों से समय पर खबर पा सकते थे, व्यापारिक लेन-देन तेजी से हो सकते थे, और सरकार अपने दूरस्थ क्षेत्रों पर बेहतर नियंत्रण रख सकती थी।

मौके पर मौजूद पटना जीपीओ के मुख्य डाकपाल श्री रंजय कुमार सिंह ने बताया कि ; यह विशेष विरूपण इस बात का प्रतीक है कि कैसे तकनीकी प्रगति ने भारत में संचार और संपर्क को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हवाई जहाज के आगमन ने न केवल डाक सेवा को बदल डाला बल्कि पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश के विभिन्न भागों को जोड़कर, हवाई जहाजों ने एकता और राष्ट्रीय पहचान की भावना को मजबूत करने में मदद की। यह विरूपण हमें याद दिलाता है कि कैसे नवाचार और प्रगति मानव जीवन को आसान और बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह हमें प्रेरित करता है कि हम नई तकनीकों को अपनाते रहें और उनका उपयोग मानवता की भलाई के लिए करें।

मौके पर श्री मुकेश कुमार, उप मुख्य डाकपाल (प्रशासन), श्रीमती कुमारी सरिता, उप मुख्य डाकपाल (मेल व खजाना) सहित डाक विभाग के सम्मानित अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में मशहूर फिलेटलिस्ट और मीडिया बंधुओं के साथ आमजन उपस्थित .

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