धैर्य एवं व्यवहार: जीवन की परीक्षाएं
जीवन एक अद्भुत पाठशाला है, जहाँ हमें पग-पग पर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल होती हैं, तो कभी प्रतिकूल। ऐसे में, हमारे धैर्य और व्यवहार की परीक्षा होती है।
जब हमारे पास कुछ नहीं होता, तो धैर्य ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति होती है। विपरीत परिस्थितियों में शांत रहकर, अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके, हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। धैर्य हमें सिखाता है कि हर समस्या का समाधान होता है, बस थोड़ा समय और प्रयास चाहिए।
वहीं, जब हमारे पास सब कुछ होता है, तो व्यवहार की परीक्षा शुरू होती है। सफलता और समृद्धि के मद में अंधे होकर, अपने मूल्यों और सिद्धांतों को नहीं भूलना चाहिए। विनम्रता, शालीनता और दूसरों के प्रति सम्मान, ये ऐसे गुण हैं जो हमें सच्चे अर्थों में सफल बनाते हैं।
यह सच है कि धैर्य और व्यवहार, दोनों ही जीवन में सफलता के लिए आवश्यक हैं। धैर्य हमें मुश्किलों से लड़ना सिखाता है, तो व्यवहार हमें सफलता को संभालना सिखाता है।
इसलिए, जीवन में जब कुछ ना हो, तो धैर्य रखें, और जब सब कुछ हो, तो अपने व्यवहार को उत्तम बनाएँ। यही जीवन का सार है।
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)
पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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