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प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र से हिंदू संगठनों की केंद्र सरकार से मांग !

प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र से हिंदू संगठनों की केंद्र सरकार से मांग !

  • केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश ही नहीं, अपितु विश्वभर के पीड़ित हिंदुओं को भारत में आश्रय मिलना चाहिए!
आज केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में ही नहीं, अपितु श्रीलंका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, यूके सहित अनेक देशों में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उनके साथ भेदभाव, जबरन धर्मांतरण, सामाजिक एवं आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है तथा उनके धार्मिक स्थलों एवं धार्मिक उत्सवों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे समय में विश्वभर के सभी हिंदू केवल भारत की ओर आस लगाए बैठे हैं। जिस प्रकार विश्व के किसी भी कोने में रहने वाले यहूदियों को कोई भी विपदा आती है, तो उनके संरक्षण के लिए इज़राइल खड़ा हो जाता है, उसी प्रकार विश्वभर के हिंदुओं के लिए भारत ही एकमात्र आश्रय स्थान एवं संरक्षण देने वाला देश होना चाहिए।

सीएए कानून का दायरा बढाकर विश्वभर के पीड़ित हिंदुओं को संरक्षण देने की भूमिका भारत सरकार को निभानी चाहिए तथा 2019 में लागू किए गए सीएए कानून को पूर्ण रूप से सभी राज्यों में तत्काल लागू किया जाना चाहिए। इस महत्वपूर्ण मांग को प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र से हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले जी ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से रखा। इस अवसर पर तमिलनाडु के हिंदू मक्कल कच्छी के संस्थापक श्री अर्जुन संपत जी, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस जी तथा हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के धर्मप्रचारक संत सद्गुरु नीलेश सिंगबाल जी उपस्थित थे।

तमिलनाडु के हिंदू मक्कल कच्छी के संस्थापक अध्यक्ष श्री अर्जुन संपत जी ने बताया कि श्रीलंका के हिंदुओं पर आज भी अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं। उनके साथ द्वितीय श्रेणी नागरिक की तरह व्यवहार किया जा रहा है । श्रीलंका में मंदिरों का विध्वंस किया जा रहा है। हिंदू बेटियों के विवाह जबरन मुसलमानों से कराए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वहां हिंदू जनसंख्या घटती जा रही है। इसलिए भारत सरकार को श्रीलंकाई हिंदुओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। इसी प्रकार अत्याचार के कारण भारत में आए श्रीलंकाई हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए सीएए कानून में सुधार किया जाए।

कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास के लिए जम्मू-कश्मीर प्रांत में 'पनून कश्मीर’

सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने बताया कि कश्मीरी हिंदू आज भी अपने ही देश में शरणार्थी हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। धारा 370 और 35A का समाप्त किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम था, परंतु अब तक भारत सरकार द्वारा विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास की योजना घोषित न किया जाना आश्चर्यचकित करने वाला है। हमारी मांग है कि शरणार्थी कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास के लिए जम्मू-कश्मीर प्रांत में 'पनून कश्मीर' नामक एक केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण किया जाए। उन के पूरे संरक्षण एवं पुनर्वास की जिम्मेदारी भारत सरकार ने लेनी चाहिए ।

हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाल जी ने बताया कि हिंदू जनजागृति समिति ने इस कुंभ क्षेत्र में सेक्टर 6 में बांग्लादेश और कश्मीर में हिंदुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों के संदर्भ में एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया है। अधिकारियों एवं आम जनता में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की जागरूकता बढाना ही इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है।
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