Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सकारात्मक सोच के साथ देखो

सकारात्मक सोच के साथ देखो

जीवन है आस, जीवन में विश्वास पाया,
जीवन का हरपल, बहुत ख़ास हमने पाया।
जब जब भी चाहा, जीवन से कुछ हमने,
जीवन ने ख़ुशियों से, हमको सजाया।
बचपन में ममता दुलार, बहुत मिला,
फिर खेलों में हमने, जीवन बिताया।
आँगन से खेतों तक, धमाचौकड़ी की,
भाई बहनों संग, यूँ बचपन बिताया।
पढ़ लिख कर जब युवा हो गये हम,
जीवन में ख़ुशियाँ, नया साथी पाया।
फिर नन्ही किलकारी, आँगन में गूंजी,
जीवन ने जैसे, फिर बचपन को पाया।
बचपन के संग हम फिर बच्चा बनकर,
ख़ुशियों को अपने आँगन सजा रहे हैं।
जीवन समर में कुछ खट्टे मीठे अनुभव,
जीवन सफ़र को यादगार बना रहे हैं।

अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ