बातों में किसी के, यूँ आया ही नहीं करते,
झाँसे में किसी के, यूँ आया ही नहीं करते।मतलबी दुनिया में, फ़रेबी लोग बहुत सारे,
ख़्वाबों में किसी के, यूँ आया ही नहीं करते।
कौन अच्छा बुरा है कौन, पहले जान लो उसको,
हक़ीक़त की कसौटी, जरा सा तान लो उसको।
सूरत क्या सीरत, क्या मन में चल रहा किसके,
भँवरा रूप- धन का लोभी, पहचान लो उसको?
चेहरे पर मुखौटे हैं, सच समझ नहीं आता,
दिल में प्यार या धोखा, परख नहीं आता।
शिकारी घूमते रहते, फरेबी जाल संग लेकर,
मानव भेष में दानव, सच नज़र नहीं आता।
करें संस्कार का पालन, रहें मर्यादा में अपनी,
है अन्धी दौड़ फ़ैशन की, रहें मर्यादा में अपनी।
जीवन पथ है काँटों का, नहीं अनुभव हमें कोई,
बुजुर्गों की सलाह माने, रहें मर्यादा में अपनी।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com