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आधुनिक शिक्षा

आधुनिक शिक्षा

तेज विद्यार्थी वही कहलाता है।
जो साइंस पढ़ने जाता है ।।
अल्फा, बीटा, गामा, थीटा ,
उसे शिक्षक ने खुब पढ़ाया।
पर वह फार्मूला व्यवहारिक जीवन में,
उनके किसी काम नहीं आया।।
ज्यादातर बच्चे शिक्षा लेते हैं,
केवल पैसा अर्जित करने को।
अपना पेट भरते हुए भी,
परिवार का भी पेट भरने को।।
ज्ञान, घर्म और संस्कार की,
पढ़ाई से बच्चे बंचित रह जाते हैं।
तेज विद्यार्थी कहलाने खातिर,
फार्मूला में उलझकर रह जाते हैं।।
न सिख पाते संस्कार वो,
न सिख पाते पैसा कमाना।
अंत में मारे मारे फिरते हैं वो,
यही है आज शिक्षा का पैमाना।।
एका दूका बहुत जो चमका,
वह वैज्ञानिक बन जाएगा।
धरती की बातें भूल भाल कर,
आकाश में राकेट उड़ाएगा।।
खोज करेगा मंगल ग्रह की बातें,
पर पारिवारिक ग्रह को भुलाएगा।
भारतीय धर्म और संस्कार की बातें,
अब वह कभी समझ नहीं पाएगा।।
ज्यादे विद्यार्थी सर्टिफिकेट लेकर,
नौकरी के लिए मारे मारे फिरते हैं।
आधुनिक शिक्षा में पारंगत होकर,
रोज धरना प्रदर्शन करते हैं।।
ठगे जा रहे हर प्रकार से,
नौकरी की कोई नहीं गारंटी है।
सरकार और शिक्षण संस्थायें सोचें,
देश के लिए अब यह खतरे की घंटी है।। 
 जय प्रकाश कुवंर
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