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अवधेश झा को ज्योतिर्मय ट्रस्ट (यूनिट ऑफ योग रिसर्च फाउंडेशन, मियामी, फ्लोरिडा, यूएसए) के सचिव, विमल कुमार, (पूर्व आईपीएस) द्वारा सम्मानित किया गया

अवधेश झा को ज्योतिर्मय ट्रस्ट (यूनिट ऑफ योग रिसर्च फाउंडेशन, मियामी, फ्लोरिडा, यूएसए) के सचिव, विमल कुमार, (पूर्व आईपीएस) द्वारा सम्मानित किया गया

पटना से दिव्य रश्मि के उपसम्पादक  जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |

स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती की जन्म स्थली "स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम", श्री डुमरी बुजुर्ग, नयागांव, सोनपुर, सारण में योग और आध्यामिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और पटना के मेडिवर्शल मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के टीम के द्वारा निः शुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया गया था तथा इनर व्हील क्लब के सदस्यों द्वारा आश्रम स्थित स्कूल के बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री आदि वितरित किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सतीश कुमार सिन्हा, पूर्व अधीक्षक, सदर अस्पताल, आरा ने कहाँ कि विगत कई वर्षों से मैं और मेरा परिवार इस आश्रम से जुड़ा हुआ है। स्वामी जी का आशीर्वाद हमलोगों को किन्हीं न किन्हीं माध्यम से मिलता रहा है। इस अवसर पर संस्था के सचिव विमल कुमार, पूर्व आईपीएस ने कहाँ कि हमलोगों के द्वारा इस तरह का आयोजन समय समय पर होता रहता है। जीवन का लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना है, इसी उद्देश्य से जीवन को स्वामी जी के उद्देश्य को समर्पित है।
इस अवसर पर संस्था के ट्रस्टी एवं अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक अवधेश झा ने कहाँ कि "स्वामी का एक संदेश है 'सभी कर्मों का अंत, समस्त संताप और पीड़ा की समाप्ति और अनंत आनंद की प्राप्ति ही मुक्ति है।' और उस मुक्त अवस्था का दर्शन, वह गुरु कर सकता है, जो स्वयं उस अवस्था में है। इसलिए, जीवन का सांसारिक और आध्यात्मिक लक्ष्य दोनों निर्धारित है, अज्ञानतावश हमें सांसारिक लक्ष्य की पूर्ति तो करते जाते हैं; लेकिन आध्यात्मिक उद्देश्य भूल जाते हैं। गुरु आध्यात्मिक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ही है और यह हमलोगों का परम सौभाग्य है कि हमलोगों को ऐसे ब्रह्म निष्ठ गुरु प्राप्त हैं। संस्था में सराहनीय योगदान के लिए अवधेश झा को सम्मानित किया गया। श्री झा ने कहा मैं संस्था में नहीं, बल्कि संस्था के माध्यम से योग, अध्यात्म और दर्शन के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा हूं। मेरा ब्रह्म उद्देश्य यही है कि हम सनातन धर्म को अपने कालखंड में ज्यादा से ज्यादा मजबूत बनाने का प्रयास करें और आने वाले पीढ़ी को इसका भार सौंपे।
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