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मां शारदे वर दे

मां शारदे वर दे

माँ शारदे की महिमा है अपरम्पार,
जिनकी वंदना करते हैं हम बारम्बार ।
माँ की सेवा जो मन से करते,
विद्या रत्न अमूल्य धन पाते।


माँ तेरी आराधना से ही,
बुद्धिहीन बनते बुद्धिमान ।
अपने चरणों में आए भक्तों का,
सदा करती है तू भक्तों का कल्याण ।


ब्राह्मी, ईश्वरी, विधात्री, भारती,
हंसवाहिनी, वीणापाणि सरस्वती ।
कई ऐसे ही नाम हैं तेरे,
ज्ञान वर्षाना ही काम हैं तेरे ।


ज्ञान की ज्योति प्रवाहित कर तुम,
विमल ज्ञान भर दो जीवन में।
हर लो हम सब की कुमति,
सुमति भर दो सबके जीवन में।


विनती है तुमने मेरी हंसवाहिनी ,
मन मंदिर में बसना वीणावादिनी
नीर-क्षीर विवेकी बनने की ,
अदम्य शक्ति मुझे दो माँ सरस्वती ।

⇒ सुरेन्द्र कुमार रंजन
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