हृदय-देवता रूप तुम्हारा आँखों में बसता है।
डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•(पूर्व यू.प्रोफेसर)
हृदय-देवता रूप तुम्हारा आँखों में बसता है।
काँटों-भरी राह में बल चलने का मिलता है। तुम्हें देखना चाहे जो मेरी आँखों में देखे,
अश्कफिशाँ आईनेचश्म में अक्स झलकता है।
मरहम आज लगाता है,था जख़्म दिया कल जिसने;
तेरी दुनिया का यारब दस्तूर अजब लगता है ।
बिना खुदी को खोए खुद को पाना नामुमकिन है,
कुदरत का इंसाफ भले नामौजूँ-सा दिखता है।
जैसा रंग चढ़ा आँखों पर वैसा ही एहसास,
तब जो बहुत बुरा लगता थाअबअच्छा लगता है।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com