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मुंह खोले के जरूरत नइखे,

मुंह खोले के जरूरत नइखे,

अंखिया सब कह देला।
प्रेम में केहू आपन दिल दे के,
दोसरा के दिल ले लेला।।
पहली नजर पड़े केहू पर,
जब तक उ अनजाना बा।
हाव भाव देख अंखिया कहेला,
अब तो इहे ठिकाना बा।।
साथ निभी दुनिया में जब ही,
दिल से दिल मिल जाई।
आंख दिखवलस प्रेम डगर,
अब दिल ही प्रेम निभाई।।
प्रेम ना कौनो खिलौना होला,
इ ह ईश्वर के बरदान।
आंख मिलल तब दिल मिलेला,
जब चाहे ले खुद भगवान।।
 जय प्रकाश कुवंर
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