जब ले छाता में मधु बा,
मधुमक्खी मेंड़रइबे करी।जब ले गाछी पर आम बा,
लोग ढेला चलइबे करी।।
सुखल कुंआ में झांक के,
सब लोग खिसक जाला।
लोग भरल कुंआ ढूंढेला,
जवना से प्यास बुझाला।।
जेकरा में गुन बा,
आलोचना भी ओकरे होला।
बुड़बक गंवार लोग के,
केहू भी ना पुछेला।।
नीमन विचार आउर नीमन व्यवहार,
आदमी के सबका से पूजवावेला,
परजरू खोखला लोग के,
समाज अपना से बिलगावेला।।
जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com