Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

राज्य के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों होंगे स्थायीकरण : स्वास्थ्य मंत्री बिहार

राज्य के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों होंगे स्थायीकरण : स्वास्थ्य मंत्री बिहार

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक  जितेन्द्र कुमार सिन्हा के कलम से |
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने राज्य के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को स्थायीकरण करने की घोषणा करते हुए कहा है कि शीघ्र ही पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर लागू किया जाएगा। उक्त घोषणा पटना के इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (IMA) हॉल में अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) का द्वितीय त्रैवार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में की।

बिहार स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ द्वारा आयोजित इस अधिवेशन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि भारत के सभी पद धारकों एवं कर्मचारियों से अनुरोध है कि भारत को मिट्टी नहीं, भारत माता मानकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के बदौलत बिहार स्वास्थ्य के बिभिन्न सूचकांकों में पूरे भारत में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा की बिहार में शीघ्र ही हेल्थ मैनेजमेंट कैडर लागू करने की प्रक्रिया पूर्ण किया जायेगा।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि आगामी विधानमंडल सत्र में NHM कर्मियों को नियमितीकरण के लिए एडवोकेसी करूंगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बिहार स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ द्वारा प्राप्त आमंत्रण पर हमें यहां उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ है जिसके लिए संघ के तमाम पदाधिकारियों एवं कर्मियों को साधुवाद।
उन्होंने कहा कि इस बात के लिए प्रसन्नता हो रही है कि अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी महासंघ का द्वितीय त्रिवार्षिक अधिवेशन बिहार राज्य की राजधानी पटना में आयोजित की जा रही है। बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ की प्रतिबद्धता एवं सफल आयोजन हेतु शुभकामनायें।


बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने इस आयोजन में बिहार एवं अन्य राज्यों से आए सभी प्रतिनिधियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि जहां की धरती, पतित पावनी गंगा, सदानीरा सोन, गंडक, घाघरा, पुनपुन जैसे नदियों के जल से गलबाहीं करती है, पावन धरती पर सभी साथियों का स्वागत है।


अधिवेशन में राष्ट्रीय बी.एम.एस. (केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठन, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त) सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय, उप महासचिव- बी.एम.एस. गणेश मिश्रा, उप संगठन सचिव - बी.एम.एस. अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एन.एच.एम. कर्मचारी महासंघ (ए.आई.एच.एन.ई.एफ.) अध्यक्ष रमेश कुमार, महासचिव , विश्वराद्य एच. यामोजी एवं कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार कौशिक, प्रदेश बी.एम.एस. बिहार अध्यक्ष राजेश कुमार लाल एवं महासचिव संजय कुमार सिन्हा, बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ - महासचिव ललन सिंह एवं सभी बी.एम.एस. वरिष्ठ नेतागण, राष्ट्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य संघ पदाधिकारीगण एवं सम्मानित प्रतिनिधिगण ने भाग लिया।


ध्यातव्य है कि BMS का वैचारिक दृष्टिकोण भारत के बाकी केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों से अलग है। भारतीय संस्कृति BMS का वैचारिक आधार है। 1955 से BMS ने मजदूर आंदोलन में अपनी विचारधारा के अनुरूप कई नारे पेश किए हैं जैसे: भारत माता की जय - "भारत माता की जय" एक ऐसा नारा था जो भारतीय मजदूर क्षेत्र के लिए बिल्कुल अलग था। जब BMS ने पहली बार इस नारे को पेश किया तो मजदूर आश्चर्यचकित हो गए और इस तरह से उन्होंने वर्गीय और राष्ट्रीय दृष्टिकोण के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की। मूल रूप से देशभक्त होने के कारण, मजदूरों ने इस नारे को अपनाने में देर नहीं लगाई।मजदूरों, दुनिया को एक करो - 1955 में, व्यापक रूप से प्रचलित नारा था: दुनिया के मजदूर? एक हो जाओ - वास्तव में यह चौतरफा विघटन का नारा था। हमने इसे अस्वीकार कर दिया और इसे अपने स्वयं के नारे से बदल दिया: "मजदूरों, दुनिया को एक करो"। “राष्ट्र का औद्योगिकीकरण करो, श्रम का राष्ट्रीयकरण करो और उद्योग का श्रमिकीकरण करो”। देश के हित में करेंगे काम, काम का लेंगे पूरा दाम। हम देश के हित में काम करेंगे और काम के लिए पूरा पारिश्रमिक लेंगे। त्याग, तपस्या और बलिदान (बलिदान, तपस्या और शहादत) जो BMS कार्यकर्ता (श्रमिकों) की मुख्य पहचान हैं। BMS आज न केवल भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय ट्रेड यूनियन है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा स्वतंत्र राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन भी है।

2021 में परिकल्पित और 2022 में स्थापित अखिल भारतीय स्वास्थ्य और NHM कर्मचारी महासंघ (AIHNEF, BMS का हिस्सा) के इस ऐतिहासिक समागम को जानना सम्मान की बात है।गाजियाबाद (यूपी) इसके पहले सम्मेलन में 21+ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह दूसरा सम्मेलन पूरे भारत में संविदा और आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों के अधिकारों और मान्यता के लिए हमारे चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें गर्व है, हमारा बिहार सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की मेज़बानी करने में गौरवान्वित है। उल्लेखनीय है कि L20 शिखर सम्मेलन पटना, बिहार में इसी भावना के साथ आयोजित किया गया था जिसमें BMS के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अध्यक्षता में G20 राष्ट्रों + अफ्रीकी संघ के 29+ देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ