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भारतीय संस्कृति में मातृ - पितृ पूजन का विशेष महत्व:-- दिव्य ज्योति तिवारी

भारतीय संस्कृति में मातृ - पितृ पूजन का विशेष महत्व:-- दिव्य ज्योति तिवारी

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की प्रांतीय इकाई भारती शिक्षा समिति, बिहार के तत्वावधान में आज मातृ - पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका विधिवत उद्घाटन वरिष्ठ पत्रकार, वरिष्ठ अधिवक्ता व विद्या भारती की पूर्व छात्रा दिव्य ज्योति तिवारी, अभियंता सह पूर्व छात्रा जूली कुमारी,मातृ भारती की अध्यक्षा प्रियंका कुमारी व रचना झा के श्री कर कमलों द्वारा मां सरस्वती,भारत माता व परब्रह्म ऊं के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन कर किया गया।दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन के पश्चात् उपस्थित माता- पिता को पैर धोकर, रोली लगाकर एवं पुष्पार्चन कर पूजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मधु मालती कुमारी, अमृता सिन्हा एवं सविता शालिनी के द्वारा किया गया।मातृ - पितृ पूजन कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित माता -पिता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में मातृ -पितृ पूजन कार्यक्रम का विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति में मातृ देवो भव:पितृ देवो भव: की मान्यता है और हम सब उसमें अटूट विश्वास करते हैं।हम सबको अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए संकल्प लेना चाहिए और पश्चिमी अपसंस्कृति से दूर रहने की आवश्यकता है।इस अवसर पर शिव कुमार साहू, निभा सिंह, सुशील कुमार शर्मा,सीमा सिंह,माधवी कुमारी, धनंजय प्रसाद सिंह, मनोज कुमार, अमित कुमार मिश्र, राकेश कुमार रंजन, अखिलेश कुमार,बबन कुमार व्योम,काफी संख्या में माता -पिता की उपस्थिति रही।

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