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आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री की याद मेँ काव्यगोष्ठी का आयोजन |

आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री की याद मेँ काव्यगोष्ठी का आयोजन |

 निराला निकेतन अवस्थित प्रतिमास्थल पर महाकवि आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री की याद मेँ मासिक महावाणी स्मरण सह काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का सँचालन वरिष्ठ गीतकार अँजनी कुमार पाठक ने आचार्य श्री के लोकप्रिय गीत-"किसने बाँसुरी बजायी?"से शुरुआत की।आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि शुभ नारायण शुभँकर ने किया।कविआलोक कुमार अभिषेक ने-"जीवन उनका अधूरा रहता जिनकी नहीं है माता",कवि डाँ हरि किशोर प्रसाद सिँह ने -"आज है जिनकी पुण्यतिथि जिन्होंने हिन्दी को तराशा है ",वरिष्ठ भोजपुरी गीतकार सत्येंद्र कुमार सत्येन ने-"पूरब मेँ उगल सुरज गोसाईंया",युवा कवि उमेश राज ने-"सजाओ न थाल पूजा के तुम मन मँदिर मेरा महक जायेगा",युवा कवि अभय कुमार शब्द ने-"मन पर पडी धूल को साफ कर दे",वरिष्ठ कवि शुभ नारायण शुभँकर ने-"फीसदी मेँ दो चार ही बस नेक दिल इँसान हैं ",वरिष्ठ कवि- गीतकारअँजनी कुमार पाठक ने-ठँडी हवायें सर्द है मौसम,कब आओगे मेरे प्रियतम?कवि अशोक भारती ने-"धूप पर जब भी लिखोगे बात हकीकत की ही होगी"ने सुनाकर वाहवाही लूटी।कार्यक्रम के अँत मेँ डाँ हरिकिशोर प्रसाद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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