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अनुशासन सफलता की प्रथम सीढी है- रामावतार नरसरिया

अनुशासन सफलता की प्रथम सीढी है- रामावतार नरसरिया

दिनांक 8 फरवरी 2025 दिन शनिवार को भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आनंदराम ढांढनियाँ सरस्वती विद्या मंदिर भागलपुर में आयोजित चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का प्रारंभ क्षेत्रीय मंत्री रामावतार नारसरिया ,रांची केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ नंद कुमार इंदु ,भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, भागलपुर विभाग के संयोजक लक्ष्मी नारायण डोकानिया, विद्यालय के उपाध्यक्ष शैलेश्वर प्रसाद सिंह एवं प्रधानाचार्य सुमंत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
रामावतार नरसरिया ने कहा कि प्रधानाचार्य प्रकाश पुंज हैं ।नवीन उन्नति ,नवीन स्वर, नवीन स्वरूप मां शारदे हमें प्रदान करें। सेवा भाव एवं आत्म संतोष के लिए सभी प्रधानाचार्य जुड़े हैं। अनुशासन सफलता की प्रथम सीढ़ी है। जीवन में सफलता ,ईमानदारी ,अनुशासन में रहकर ही हम सफल हो सकते हैं। विद्या भारती का लक्ष्य हमारी सफलता का मापदंड है। शोध का विषय औपचारिक और अनौपचारिक गति का है। मनुष्य का स्वभाव जल के समान ढलान की तरफ बहने का होता है किंतु फोर्स और पावर का उपयोग कर नीचे से ऊपर की ओर जल चढ़ा लेते हैं।
प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि विद्या भारती विश्व में प्रथम स्थान रखने वाली शिक्षा संस्थान है।नवाचार को एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लागू कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का शोध होते रहे हैं। विभाग एवं संकुल स्तर पर कार्यों का क्रियान्वयन करते हैं। वर्ष में कार्यों का सिंहावलोकन भी करते हैं। चार दिनों के मंथन के बाद जो अमृत निकलेगा उसे लेकर विद्यालय वापस जाएंगे। द्रुत गति से धरती पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कार्य रूप में देना है।
नंद कुमार इंदु ने कहा की लक्ष्य एवं दिए गए ध्येय वाक्य विद्या भारती का हमारे सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रधानाचार्य विद्यालय के प्रांगण में कैसा असर छोड़ता है काफी महत्वपूर्ण होता है। प्रधानाचार्य बच्चों से ,आचार्य से ,अभिभावकों से एवं समाज से जुड़ा होता है। प्रशासनिक के साथ-साथ सभी कानून एवं कार्यों के प्रति सजग एवं सावधान होना चाहिए। प्रधानाचार्य को बेस्ट मैनेजर होना चाहिए। भाव एवं भावना से संस्था एवं संगठन ही नहीं समाज एवं देश को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए।
मंच संचालन गया विभाग के विभाग निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद द्वारा एवं अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य सुमंत कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर उमाशंकर पोद्दार, ब्रह्मदेव प्रसाद, राकेश नारायण अम्बष्ट, सतीश कुमार सिंह, विनोद कुमार, रमेश मणि पाठक ,राजेश कुमार ,परमेश्वर कुमार, वीरेंद्र कुमार, गंगा चौधरी, सुमंत कुमार ,अमरेश कुमार, अनंत सिन्हा, रामजी प्रसाद सिन्हा,संजय सिंह, देवानंद दूरदर्शी ,आलोक कुमार, सुजीत कुमार गुप्ता, शशि भूषण मिश्र,सुमन चौधरी,भीष्म मोहन झा के साथ-साथ लगभग 225 प्रतिभागी प्रधानाचार्य उपस्थित थे।
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